रोशनी रोशनी रोशनी
रोशनी रोशनी रोशनी रोशनी
कभी आये कभी जाये
कभी लाये कभी गाये
अपनी मन की बातें ना कभी केह सकी
रोशनी रोशनी रोशनी
रोशनी रोशनी रोशनी रोशनी
कभी आये कभी जाये
कभी लाये कभी गाये
अपनी मन की बातें ना कभी केह सकी
ये हम क्या जाने
जाना है कहाँ
ये हम क्या जाने
जाना है कहाँ
ये हम क्या जाने
तुम्हें जाना है कहाँ
ये हम क्या जाने
तैरा ना मिला किनारा
तैरा ना मिला किनारा
तैरा ना मिला किनारा
तैरा ना मिला किनारा
तैरा ना मिला किनारा
क्या तू नज़र उठा के देखा
आकाश
दिल में पहरा देके लेकिन
खीचे नीचे तुझे आशाओं का भार
इजाज़त देते नहीं है संस्कार
बना दूँ मैं खुदकों जो मन में है
मन में है कुछ नई
बस एक खोकला तन है
अधर्म है भरा मिले रुख नई
जहाँ देखे जलन हो
ऐसी की कटी पतंग हो
देखे बगल में जशन हो
खाने में खाली मट्टन हो
पिक्चर देखे फिर नकल वो
करे बुलाके स्ट्रगल को
बुरी याएँ ले पकड़ वो
फिर भी रेह लेता मगन वो
हुयी सुबह नयी
अकेले सूते सुट्टे रखे छोटे छुपी
वो था डरा थोड़ा छोड़ो यू नी होते दुखी
वापस बोला मुझे वो की
ये हम क्या जाने
जाना है कहाँ, रोशनी रोशनी
ये हम क्या जाने
जाना है कहाँ
ये हम क्या जाने, रोशनी रोशनी
तुम्हें जाना है कहाँ
हम क्या जाने
रोशनी रोशनी रोशनी
रोशनी रोशनी रोशनी
कभी आये कभी जाये
कभी लाये कभी गाये
अपनी मन की बातें ना कभी केह सकी
रोशनी रोशनी रोशनी
रोशनी रोशनी रोशनी रोशनी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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