Do Dhaari Talwaar

श्वेता पंडित, शहीद मल्ल्या

नैन कटारी ऐसी मारी तन मन सुलगा तड़पन भारी इश्क़ लहू का जब दिल से उतरे धीरे धीरे चढ़े खुमारी नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा खाली जाए ना तेरा वार नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा आ खाली जाए ना तेरा वार नैनो से करती है शिकार तू दो धारी तलवार यार तू दो धारी तलवार यार काटे तो कर्दे रंगदार तू दो धारी तलवार यार दो धारी तलवार यार तू तो थोड़ी मीठी थोड़ी सी है ज़हेरी रे जैसे गर्मी की हो तपती सी दोपहरी रे हौले से तू करे दिल पे हल्ला रे हो तेरी तारीफें करता मोहल्ला रे ज़ालिम है तेरा हर शृंगार नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा हो नैनो से करती है शिकार तू दो धारी तलवार यार तू दो धारी तलवार यार नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा हो बार बार तेरा नक्श नक्श हो रकस रकस में जलवा तू दिखाजा आजा आजा आजा आजा आजा हो बार बार तेरा नक्श नक्श हो रकस रकस में जलवा तू दिखाजा आजा हो आजा आजा मोहब्बत की विस्की पीला हो देदे चाहत का तू सिला आजा आजा आजा आजा आजा ह ताजो तखत मैं तो लाखों गिरा दू सारे अरश वाले धरती पे ला दू मैं हूँ वो संग मुझसे बचके ही रहना मैं ही मुक़द्दर बना दू मिटा दू तू कर ना मना मुझे अपना बना अब ऐसे तमाशा बना ना तेरी मिन्नत करू तेरी खातिर मरून तेरे दर्र के सीवा ना ठिकाना तू तो थोड़ी मीठी थोड़ी सी है ज़हेरी रे जैसे गर्मी की हो तपती दोपहरी हौले से तू करे दिल पे हल्ला रे तेरी तारीफें करता मोहल्ला हो बातें है मेरी हथियार नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा हाए नैनो का करती हूँ शिकार मैं दो धारी तलवार यार मैं दो धारी तलवार यार नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा धिना धिन धा धिना धिन धा धिना धिन धा धिना धिन धा ह चाहत बड़ी मेरी महँगी पड़ेगी नागिन नज़र यार जब जब लड़ेगी जी ना सकोगे तुम मर ना सकोगे बनके ज़हर यूँ मोहब्बत चढ़ेगी तेरी हसरत हुई मेरी आफ़त हुई तेरे बिन होगा अब ना गुजारा तेरे सारे सितम तेरे सारे ज़ुल्म हंजी हंजी मुझे हैं गवारा तू तो थोड़ी मीठीथोड़ी सी है ज़हरी रे जैसे गर्मी की हो तपती दोपहरी रे हौले से तू करे दिल पे हल्ला रे हो तेरी तारीफें करता मोहल्ला रे ह रहने दे तू यह तकरार नि नि सा सा रे रे मम मम पपप रे रे सा हाए नैनो से करती हूँ शिकार मैं दो धारी तलवार यार मैं दो धारी तलवार यार तू दो धारी तलवार यार तू दो धारी तलवार यार

Written by: KAMIL IRSHADLyrics © Peermusic PublishingLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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