Lag Jaa Gale

Shweta Mohan, Madan Mohan, Stephen Devassy

लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले से कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले से हमको मिली हैं आज, ये घड़ियाँ नसीब से हमको मिली हैं आज, ये घड़ियाँ नसीब से जी भर के देख लीजिये हमको क़रीब से फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो पास आइये कि हम नहीं आएंगे बार-बार पास आइये कि हम नहीं आएंगे बार-बार बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हस्सीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हस्सीं रात हो न हो

Written by: RAJA MEHDI ALI KHAN, SHWETA MOHAN, STEPHEN DEVASSYLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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