Sajna

Shweta Mohan, Ananthu

अम्बर के संदूक मैं जो रखे बरसा रहा हा वो यादे सभी सजना सजना तू मेरी बरखा जिस चोट ने हमको तोड़ा हुआ हैं (न न न न न) पानी ने मरहम सब उसको छुआ है (न न न न न) सजना सजना तू मेरी बरखा न न न न न न न न तू रंग था तू जादू था मेरा पर वक़्त है पिहर गया तेरी नज़र मेरी आँखों का घर थी क्यू रास्ता मुड़ गया जब रेत चाहे सारा ही बादल इक बूँद से क्या मिले जब आँख जागी सारी उमर ही इक नींद से क्या मिले आ आ आ आ आ आ (आ आ आ आ आ आ) आ आ आ आ आ आ सजना सजना तू मेरी बरखा जिस चोट ने हमको तोड़ा हुआ हैं (न न न न न) पानी ने मरहम सब उसको छुआ है (न न न न न) जो गीत होंठों के निचे दबे हो कैसे उन्हे तू सुने आ जोड़े सारे टुकड़े पुराने सपना नया सा बुने मिलो का है फासला पर सुनो ना हम इक कदम तो चले पानी या माटी या अग्नि नही तो हम तुम धुए सा मिले सजना सजना तू मेरी बरखा जिस चोट ने हमको तोड़ा हुआ हैं (न न न न न) पानी ने मरहम सब उसको छुआ है (न न न न न) सजना सजना तू मेरी बरखा

Written by: Dopeadelicz, Santhosh NarayananLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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