Mazaak

Dj Gaurav, Shivam

ये भी मज़ाक ही तो है सालों से सड़कों पे सम्भल कर चल रहा था यूँ गालों के गड्ढों में तेरे ना जाने क्यों मैं लड़खड़ाके गिर गया हूँ मुस्कराओ, और ऐसे हंसो मेरी बातों पे ना जाने क्या हो रहा मुझे मैं तेरा ही हो जाऊँगा ये भी मज़ाक ही तो है कैसे रातों के इरादों में अँधेरा था यूँ आधे से चाँद सी हँसी अंधेरी रातों में अब नूर बन गयी क्यों ए चाँद, अब चाँदनी बनके गिरो ज़रा गिरते रहो मेरे आस-पास, तो तेरा ही हो जाऊँगा हो जाऊँगा तेरा, एहसास है साँसे हैं जब तक यहां, हो जाऊँ मैं तेरा ये ना मेरा अंदाज़ है देखो मैं खुद हंस रहा अपनी बातों पे यहाँ ऐसे तुम भी हंसो मेरी बातों पे ना जाने क्या हो रहा मुझे मैं तेरा ही हो जाऊँगा, हो जाऊँगा ये भी मज़ाक ही तो है मेरी नकल है या असल में गिर रहे हो तुम भी होता नहीं है अब यकीन क्या ये मज़ाक तो नहीं

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store