Dil Hai Ki Manta Nahin Nazar Ke Samne
Shilpa Rao, अभिजित वघानी, Yasser Desai
दिल तो ये चाहे
हरपल तुम्हें हम
बस यूंही देखा करें
हो मरके भी हम ना
तुमसे जुदा हो
आओ कुछ ऐसा करें
मर ना जाऊँ कहीं
होके तुमसे जुदा
नज़र के सामने जिगर के पास (जिगर के पास)
नज़र के सामने जिगर के पास (जिगर के पास)
कोई रहता है वो हो तुम (कोई रहता है)
वो हो तुम
आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ
ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ
बेताबी क्या होती है पूछो मेरे दिल से
तन्हां तन्हां लौटा हूँ मैं तो भरी महफ़िल से
मुझमें समाजा आ पास आजा
हमदम मेरे हम नशीं
दिल है के मानता नहीं
हो दिल है के मानता नहीं (दिल है के मानता नहीं)
तेरी वफ़ाएँ तेरी मोहब्बत
सब कुछ है मेरे लिये
तूने दिया है नज़राना दिल का हम तो हैं तेरे लिये
अब मुझे छोड़ के दूर जाना नहीं
नज़र के सामने जिगर के पास (नज़र के सामने जिगर के पास)
नज़र के सामने जिगर के पास (नज़र के सामने जिगर के पास)
कोई रहता है वो हो तुम (कोई रहता है वो हो तुम)
ये बेक़रारी क्यूँ हो रही है
ये जानता नहीं
हो दिल है के मानता नहीं
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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