Rahen Na Rahen

Shibani Kashyap, Anurag Abhishek

मौसम कोई हो इस चमन में रंग बनके रहेंगे हम खिरामा चाहत की खुशबू यु ही ज़ुल्फो से उडेगी खिज़ायों या बहारें यूँही झूमते, युहीँ झूमते और खिलते रहेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम, महका करेंगे जब हम न होंगे तब हमारी खाक पे तुम रुकोगे चलते चलते अश्को से भीगी चाँदनी में इक सदा सी सुनोगे चलते चलते वहीं पे कहीं, वहीं पे कहीं हम तुमसे मिलेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली बन के सबा बाग़े वफ़ा में रहे ना रहे हम

Written by: MAJROOH SULTANPURI, ROSHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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