Yoddha
Varun Grover, Sunidhi Chauhan, Shankar–Ehsaan–Loy
तेरे प्रेम की बरखा ने सुन पिया रे
ऐसा ये मुझको कवच दिया रे
इस राह पे कण कण कण कण
कण गयी मैं
कंधे पे जोग का धनुष उठा के
सीधी तन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
हर सांस में आग का रंग मिला के
तन मन धन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
अब मन ये हुआ है धूनी
और आँगन है रण भूमि
अब काल भी आँख में
आँख ना डाले
ऐसी ठन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
हो योद्धा बन गयी मैं
बन गयी मैं योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी बन गयी
बन गयी बन गयी मैं
योद्धा बन गयी बन गयी
योद्धा योद्धा योद्धा बन गयी
बन बन गयी मैं बन गयी
बन गयी बन गयी बन गयी
योद्धा बन गयी मैं
के कई जोगी सब माया है
झूठी वैरी ये काया है
जो मान रहे तो प्राण रहे
सूरज है तो ही छाया है
अब आंधी हो या बवंडर
करना है पार समंदर
हाँ शंख की नाद पे
रास रचा के
ऐसी सन्न गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
योद्धा बन गयी मैं
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
हरी हरी हर हर
योद्धा बन गयी मैं
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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