Saaiyaan
सोहेल सेन, शहीद मल्ल्या
कल मीरा तडपी कान्हा को
सब लाज समाज गवायी रे
अब प्रेम में तड़पन तरसन की
हे बारी कान्हा की आई रे
मोरी जान गयी (मोरी जान गयी)
हो तोरा खेल हुआ (हो तोरा खेल हुआ)
मुझसे मैं रूठा मुझमें मैं टूटा हा
हो मुझसे मैं रूठा मुझमें मैं टूटा
मुझको मैंने इश्क़ वफ़ा में
खुद ही है लूटा (खुद ही है लूटा)
लुट लुट के लुट लुट के
जीना है मरना बांके यार बिना
हा साइयाँ हुड्ड मैं की करां साइयाँ
जीना या मरा साइयाँ राब मुझसे खफा साइयाँ
साइयाँ हुड्ड मैं की करां साइयाँ
जीना या मरा साइयाँ रब मुझसे खफा साइयाँ
मुझसे मैं रूठा मुझ में मैं टूटा
मुझको मैंने इश्क़ वफ़ा में खुद ही है लूटा
लुट लुट के लुट लुट के
जीना है मरना बांके यार बिना
ओ साइयाँ हुड्ड मैं की करां साइयाँ
जीना या मरा साइयाँ रब मुझसे खफा साइयाँ
साइयाँ हुड्ड मैं की करां साइयाँ
जीना या मरा साइयाँ रब मुझसे खफा साइयाँ
हो सपनो के शीशे टूटे दुःख की दरार से
चाह के भी निकले न मन मझधार से
कोई भी न बोले और कोई भी बुलाये न
फिर भी आवाज़ें सुने बादलों के पार से
रूस रूस के रूस रूस के
मन से मन जाना खुद ही यार बिना
साइयाँ हुड्ड मैं की करां साइयाँ
जीना या मरा साइयाँ रब मुझसे खफा साइयाँ
साइयाँ हुड्ड मैं की करां साइयाँ (साइयाँ)
जीना या मरा साइयाँ रब मुझसे खफा साइयाँ (साइयाँ)
Written by: IRSHAD KAMIL, SOHAIL SENLyrics © Peermusic PublishingLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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