Mohabbat Ki Aag

Shabbir Kumar

शादी के गुल खिले है नशीली ये रात है होठो पे मेरे प्रीत है खुशियों का साथ है महोब्बत की आग है ये महोब्बत की आग है महोब्बत की आग है ये महोब्बत की आग है जो दिल का राग बन गयी जो दिल का राग बन गयी चाहत की आग है ये चाहत की आग है ये महोब्बत की आग है ये महोब्बत की आग है सावन बुझा ना पाएँगे ऐसी लगी है ये सावन बुझा ना पाएँगे ऐसी लगी है ये दरिया बुझा ना पाएँगे ऐसी जाली है ये हरगिज़ ना बुझ सकेगी हरगिज़ ना बुझ सकेगी उलफत की आग है ये उलफत की आग है ये महोब्बत की आग है ये महोब्बत की आग है मैने कहा था गाऊंगा शादी पे जानेमन मैने कहा था गाऊंगा शादी पे जानेमन संगीत से मई धूम मचाऊंगा जानेमन वादे पे आ गया हू वादे पे आ गया हू इनायत की आग है ये इनायत की आग है ये महोब्बत की आग है महोब्बत की आग है जो दिल का राग बन गयी जो दिल का राग बन गयी चाहत की आग है ये चाहत की आग है महोब्बत की आग है ये महोब्बत की आग है महोब्बत की आग है महोब्बत की आग है

Written by: HASRAT JAIPURI, LAXMIKANT PYARELALLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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