Kisi Ne Sach Hi Kaha Hai
Karsan Sagathia, Shabbir Kumar
सूना है इंसान के
दुःख दर्द का इलाज मिला है
क्या बुरा है अगर
ये अफवाह उड़ा दी जाए
किसी ने सच ही कहा है
किसी ने सच ही कहा है
वो भूख से मरा था
फुटपाथ पे पड़ा था
चादर उठा के
देखा तो पेट पे लिखा था
सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्ता हमारा
हिंदुस्ता हमारा
भूख लगे तो चाँद
भी रोटी नज़र आता है
भूख लगे तो चाँद
भी रोटी नज़र आता है
आगे है ज़माना फिर
भी भूख पीछे पीछे
सारी दुनिया की बातें
सारी दुनिया की बातें
दो रोटियों के निचे
किसी ने सच ही कहा
माँ पत्थर उबालती
रही कड़ाही में रात भर
बच्चे फरेब खा
कर चटाई पर सो गए
चमड़े की झोपड़िया
में आग लगी भैया
बरखा न बुझाए
बुझाए रुपैया
चमड़े की झोपड़िया
में आग लगी भैया
बरखा न बुझाए
बुझाए रुपैया
किसी ने सच ही कहा
वो आदमी नहीं
मुक़म्मल बया है
माथे पे उसके चोट
का गहरा निशा है
इक दिन मिला था मुझको
चीथड़ों में वो
मैंने जो पूछा नाम
कहा हिन्दुस्तान
है हिंदुस्तान है
चाँद लोग दुनिया
में नसिब लेके आते है
बाकी बस आते है
और यु ही चले जाते है
जाने कब आते है
और जाने कब जाते है
किसी ने सच ही कहा
ये बस्ती उन लोगो की बस्ती है
जहां हर गरीब की हस्ती
एक एक सांस लेने को तरसती है
इन ऊँची इमारतों में
घिर गया आशियाना मेरा
ये आमिर मेरे हिस्से
का सूरज भी खा गए
भूख लगे तो चाँद
भी रोटी नज़र आता है
भूख लगे तो चाँद
भी रोटी नज़र आता है
आगे है ज़माना फिर
भी भूख पीछे पीछे
सारी दुनिया की बातें
सारी दुनिया की बातें
सारी दुनिया की बातें
दो रोटियों के निचे
किसी ने सच ही कहा
वो भूख से मरा था
फुटपाथ पे पड़ा था
चादर उठा के
देखा तो पेट पे लिखा था
सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्ता हमारा
हिंदुस्ता हमारा
हिंदुस्ता हमारा
किसी ने सच ही कहा
Written by: ANU MALIK, SAMEER ANJAANLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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