ए शर्मीला था
यह थोड़ा थोड़ा सा
की पहली ही शादी है यार
कभी इतना न nervous हुआ था
की हक्का बक्का लागे पिया
हो तारी गल्ली माँ Thomas हुआ था
की हक्का बक्का लागे पिया
अरे सीधा सादा था
अरे भोला भाला सा
आदत से सूरत हस्मुखता था
पर जब से ये घोड़ी चढ़ा है
के हक्का बक्का लागे पिया
इनको छेड़ो तोह बोले नहीं
इनको छेड़ो तोह बोले नहीं
इनसे केहदो ये जेबे टटोले नहीं
नहीं नहीं नहीं
फूल गुप्पा हुआ रे
के हक्का बक्का
फूल गुप्पा हुआ रे
के हक्का बक्का
फूल गुप्पा हुआ रे
के हक्का बक्का लागे पिया
के हक्का बक्का लागे पिया
इनके मन मे है सपने कई
सपना सपना
अबे चल बेशुरे
इनके मन मे है सपने कई
उनमे डूबे ये भल्ले मे जैसे दही दही दही
पाव छू के थके रे के हक्का बक्का
पाव छू के थके रे के हक्का बक्का
पाव छू के थके रे
के हक्का बक्का लागे पिया
के हक्का बक्का लागे पिया
Written by: SAGAR DESAI, VARUN GROVERLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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