गुम सुम हो क्यूँ पास आओ ना
रूठे हो यूँ मान जाओ ना
गुम सुम हो क्यूँ पास आओ ना
रूठे हो यूँ मान जाओ ना
दिल में है जो खुल के कहो
दिल में छुपाओ ना
गुम सुम हो क्यूँ पास आओ ना
रूठे हो यूँ मान जाओ ना
हा
हा हा हा हा
हा
हा हा हा हा
जाने किस बात पे तुम
ऐसे खफा हो गयी
शायद अनजाने में कोई
मुझसे ख़ता हो गयी
जाने किस बात पे तुम
ऐसे खफा हो गयी
शायद अनजाने में कोई
मुझसे ख़ता हो गयी
बस इतना तो बता दो
कि मेरी क्या भूल है
फिर चाहे जो सजा दो
मुझको वो कुबूल है
कुछ तो कहो चुप ना रहो
ऐसे सताओ ना
गुम सुम हो क्यूँ पास आओ ना
रुठे हो क्यूँ मान जाओ ना
तुम जो हसती हो तो ये
मौसम मुस्कराता है
कलियाँ खिलती हैं
सारा आलम गुनगुनाता है
तुम जो हैसती हो तो ये मौसम
मुस्कराता है
कलियाँ खिलती हैं
सारा आलम गुनगुनाता है
तुम जो हँसती हो हर सितारा
झिलमिलाता है
मेरे दिल का शहर ख़ुशी से
जगमगाता है
देखो कभी रोना नहीं
मुझको रुलाओ ना गम सुम हो क्यूँ
पास आओ ना रुठे हो यूँ
मान जाओ ना गुम सुम हो क्यूँ
पास आओ ना रुठे हो यूँ
मान जाओ ना
दिल में है जो खुल के कहो
दिल में छुपाओ ना
गुम सुम हो क्यूँ पास आओ ना
रूठे हो यूँ मान जाओ ना
गुम सुम हो क्यूँ पास आओ ना
रूठे हो यूँ मान जाओ ना
गुम सुम हो क्यूँ
गुम सुम हो क्यूँ
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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