Jab Jab Teri Surat Dekhun

सपना

जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना हो जब जब तेरी सूरत देखूं जब जब तेरी सूरत देखूं प्यार सा दिल में जागे हो तेरी तरफ ही दिल मुझे खींचे क्या तू मेरा लागे क्या तू मेरा लागे कौन सा यह बंधन है यह कैसा अपनापन है किसी का ज़ोर चले ना यह कैसी दिल की लगान है जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना हो जब जब तेरी सूरत देखूं जब जब तेरी सूरत देखूं प्यार सा दिल में जागे हो तेरी तरफ ही दिल मुझे खींचे क्या तू मेरी लागे क्या तू मेरी लागे कौन सा यह बंधन है यह कैसा अपनापन है किसी का ज़ोर चले ना यह कैसी दिल की लगान है जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना हो प्यार नही कोई तन का सौदा प्यार नही कोई तन का सौदा प्यार है मन की पूजा हो जब से जीवन में तू आया भाया नही कोई दूजा भाया नही कोई दूजा मेरी भी क्या किस्मत है दिल में तेरी चाहत है खिला है गुल सेहरा में खुदा को भी हैरत है जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना फूल बनकर तेरा चेहरा मेरे हाथों में खिला है मिलन है दिल से दिल का बदन से बदन मिला है तेरी चाहत की गर्मी नरम साँसों का तूफान मों हो गया मेरा दिल पिघलने लगा है ईमान जान-ए-जाना ओ जान-ए-जाना जब जब तेरी सूरत देखूं प्यार सा दिल में जागे हो तेरी तरफ ही दिल मुझे खींचे क्या तू मेरा लागे क्या तू मेरा लागे कौन सा यह बंधन है यह कैसा अपनापन है किसी का ज़ोर चले ना यह कैसी दिल की लगान है जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना (जान-ए-जाना ओह जान-ए-जाना)

Written by: KALYANJI ANANDJI, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVARLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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