Aai Bahar Khilte Hai Gul

सपना मुखरजी

आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल तू भी जावा में भी हसी हूँ तू भी यहा में भी यही हूँ अरे तू भारी तू मेरी जान प्यार से मिल आई बाहर खिलते है गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल पहली नज़र से मुझे मारा फिर मारा हास हास के दोबारा मारती हूँ जल्दी से अब रख दे मेरे लबो के ये लब रख दे पहली नज़र से मुझे मारा फिर मारा हस हस के दोबारा मारती हूँ जल्दी से अब रख दे मेरे लबो के ये लब रख दे तरसू तेरे आगे जन्मो की में प्यासी सिटी के ओ सागर समझो मेरी उदासी ऐसे मिल हम डूब जाए दूँगी तुझको में दुआएँ अरे तू भारी तू मेरी जान प्यार से मिल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल आई बाहर खिलते है गुल जाता कहा है मेरे बुल बुल होता है जो आज होने दे में तोड़ आई सभी फंदे जब में नही जाने वाली हूँ तुमको सनम कैसे जाने डू अरे होता हैं जो आज होने दे में तोड़ आई सभी फंदे जब में नही जाने वाली हूँ तुमको सनम कैसे जाने डू मुस्किल से हाथ आए जाओगे आज कैसे आजा करीब आजा ऐसे नही ऐसे सारे रास्ते हे इधर को जाओगे तू अब किधर को अरे तू भारी तू मेरी जान प्यार से मिल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा हैं मेरे बुल बुल तू भी जावा में भी हसी हूँ तू भी यहा में भी यही हूँ अरे तू भारी तू मेरी जान प्यार से मिल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा है मेरे बुल बुल आई बाहर खिलते हैं गुल जाता कहा है मेरे बुल बुल

Written by: ANAND SHRIVASTAV, MAJROOH SULTANPURI, MILIND SHRIVASTAVLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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