Pratighat Ki Jwala
सपना अवस्थी
आ आ आ आ आ आ आ आ
हाथों में जब तलवार ले, मारे या खुद को मार ले
काली घनेरी रात में, बिजली बने बरसात में
नारी की रक्षा करे, नारी किसी से ना डरे
संघावनी जगदम्बिका, नारी बने जब चंडिका
प्रतिघात की ज्वाला जले, प्रतिशोध जब लेने चले
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now