जाने वो कैसे लोग थे जिनके
प्यार को प्यार मिला
हमने तो जब कलियाँ मांगी
काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके
प्यार को प्यार मिला
खुशियों की मंज़िल ढूँढी तो
ग़म की गर्द मिली
खुशियों की मंज़िल ढूँढी तो
ग़म की गर्द मिली
चाहत के नगमे चाहे तो
आहें सर्द मिली
दिल के बोज को दूगना कर कर
जो ग़मखार मिला
हमने तो जब कलियाँ मांगी
काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके
प्यार को प्यार मिला
बिछड़ गया
बिछड़ गया
बिछड़ गया हर साथी दे कर
पल दो पल का साथ
किसको फुर्सत है जो थामे
दीवानों का हाथ
हमको अपना साया तक
अक्सर बेज़ार मिला
हमने तो जब कलियाँ मांगी
काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके
प्यार को प्यार मिला
इसको ही जीना केहते है तो
यूं ही जी लेंगे
इसको ही जीना केहते है तो
यूं ही जी लेंगे
उफ़्फ़ ना करेंगे लब सी लेंगे
आँसू पी लेंगे
ग़म से अब घबराना कैसा
ग़म सौ बार मिला
हमने तो जब कलियाँ मांगी
कांटो का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके
प्यार को प्यार मिला.
Written by: SAHIR LUDHIANVI, SANAMLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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