Chand Kabhi Tha Bahon Mein
साबिता चोधरि
चाँद कभी था बाहों में फूल बिछे थे राहों में
अब तो वो सपने गए बिखर
डूब गए हम आहों में
चाँद कभी था बाहों में फूल बिछे थे राहों में
अब तो वो सपने गए बिखर
डूब गए हम आहों में
चाँद कभी था बाहों में
दुर दुर दुर जहाँ उठ रहा है अब धुआं
दुर दुर दुर जहाँ उठ रहा है अब धुआं
मेरा वही पल था आशियां
तारों की झिलमिल छाँव मे
चाँद कभी था बाहों में फूल बिछे थे राहों में
अब तो वो सपने गए बिखर
डूब गए हम आहों में
चाँद कभी था बाहों में
हाय मेरी बेकसी बेज़ुबा है ज़िन्दगी
हाय मेरी बेकसी बेज़ुबा है ज़िन्दगी
मै उनकी नज़रों से ऐसी गिरी
न अपने घर ह न राहों में
चाँद कभी था बाहों में फूल बिछे थे राहों में
अब तो वो सपने गए बिखर
डूब गए हम आहों में
चाँद कभी था बाहों में
Written by: SALIL CHOUDHUREE, Salil Chowdhury, SHAILENDRALyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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