Kampit Charan Lajjit Nayan

Ravindra Jain, Suresh Wadkar, Hemlata

कंपित चरण लज्जित नयन भीरू हृदय जग का भय मिलन का मोह, विरहा की पिर मुख गंभीर, प्राण अधीर प्रेम डगर से, नव परिचय है जाने क्या हो, हर पल भय है एक हलचल है, एक संशय है उधर प्रतीक्षा, इधर प्रलय है श्वासों में, झंझावात पिया की प्रीत, हीया ना समात कुछ सकुचाती मन मुस्काती प्रेम की भाति, सब से छुपाटी चली पिया की अभिसारिका देख नयी नवेली राधिका कभी आगरा, कभी अनुनाया करके नैनों में रंग प्रेम का भरके कुनजों में राधे को मोहन ले चला बरबस, बहियाँ धरके प्रथम स्पर्श का मधु आवास प्राणों में भरे नव उलास बेसूध होकर, एक मधमाती कभी बलखाती, कभी इतलाती (कभी इतलाती) चली पिया की अभिसारिका (चली पिया की अभिसारिका) देखो, नयी नवेली राधिका (देखो, नयी नवेली राधिका)

Written by: A. Antony, Ambili, Anna Sangeetha, K.J. YesudasLyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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