Raat Akeli Hai

एस. डी. बर्मन, Sophie Choudry, Raghav Sachar

रात अकेली है बुझ गए दिये आके मेरे पास कानों में मेरे जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये रात अकेली है तुम आज मेरे लिये रुक जाओ रुत भी है फ़ुरसत भी है तुम्हें ना हो ना सही मुझे तुमसे मुहब्बत है मुहब्बत की इजाज़त है तो चुप क्यूँ रहिये जो भी चाहे कहिये रात अकेली है जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये रात अकेली है बुझ गए दिये आके मेरे पास कानों में मेरे जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये रात अकेली है

Written by: MAJROOH SULTANPURILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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