जागेगी रात भर
और भागेगी साथ पर पर?? डालेगी
बेलगाम ख़यालों को
पुच्गी यह सवाल और माँगेगी
यह हिसाब ना सुनेगी
तेरे जवाबों को
यहाँ है एक नदी
और वहाँ एक लाल किला
पर कहाँ हैं इश्स शहर का फलसफा
यहाँ आँसू और गीत
और जवानी की मैने तेरे नाम
किया पार आधी रात
और सदके थी सब मेरे बाद??
मैं था, तू थी, और थी दिल्ली बॅस...
कहीं कोई उड़ रहान हैं
कहीं कोई गिर रहान हैं
कहीं कोई हैं खड़ा, कगार पे
कहीं कोई केले जूना
और कहीं कोई बने गुलाम
और कहीं कोई हैं पड़ा इंतज़ार में
जब गया कल मैं कुतुबमीनार
और सुना था मैने ऐलान की
बनी है यहाँ एक नयी पार्टी
आवारा है नाम
भटकना है जिसका विधान
फ़ुर्सत है काम
कुच्छ ढुंदला सा अपना निशान है
वहाँ मैं था, तू थी, और थी दिल्ली बॅस...
देखे यहाँ काई
मौसम बदलते हुए
देखे जस्बे काई
यहाँ पत्थर बनाते हुए
काई वक़्त से पहले
सब आज तू कहले
यहाँ आँसू और गीत
और जवानी की मैने तेरे नाम
किया पार आधी रात
और सदके थी सब मेरे बाद??
मैं था, तू थी, और थी दिल्ली बॅस...
आवारा है नाम
भटकना अपना विधान हैं
फ़ुर्सत है कम
कुच्छ ढुंदला सा अपना निशान है
और मैं हूँ, तू हैं, और हैं दिल्ली बॅस
Written by: Agnelo Fernandes(Arrangement), Rabbi Shergill, Roshan Machado(Arrangement)Lyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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