Musafir Dil

Pranita Yadav, Dushyant Kumar

छुपा भी न पाऊँ ये रोग जो दिल का छुपा भी न पाऊँ ये रोग जो दिल का हाल मेरा सुन भी जा टूटे खाबो को बुन भी जा मैं त कमली हो गई वे हस्ते हस्ते हो सजना अंखिया ये रो गई वे मुसाफिर दिल है माहिया सफर मुश्किल है माहिया मुसाफिर दिल है माहिया सफर मुश्किल है माहिया अब तो निभा जा रश्मे वफ़ा की मुझको हँसा जा है राते ख़फ़ा सी इश्क़ दी राह विच खो गई वे हस्ते हस्ते हो सजना अंखिया ये रो गई वे हस्ते हस्ते हो सजना अंखिया ये रो गई वे बदलता नहीं क्यों मन मेरा कुछ ऐसा हुआ है दिल तेरा बदलता नहीं क्यों मन मेरा कुछ ऐसा हुआ है दिल तेरा थे तुम तो मेरे मेरे रहोगे हम न रहे जो याद करोगे जींद मेरी मोया हूँड मुक गई वे हस्ते हस्ते हो सजना अंखिया ये रो गई वे हस्ते हस्ते हो सजना अंखिया ये रो गई वे हस्ते हस्ते हो सजना अंखिया ये रो गई वे अंखिया ये रो गई वे

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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