Man Kyun Behaka
प्राजक्ता शुक्रे, साशा तिरुपति
मन क्यों बहका रे बहका
मन क्यों बहका रे बहका
आधी रात को
बेला महका रे महका आधी रात को
किसने बंसी बजाई आधी रात को
किसने बंसी बजाई आधी रात को
जिसने पलकें हो जिसने पलकें
चुराई आधी रात को
हो मन क्यों बहका रे बहका
झांझर झमके सुन झमके हो
झांझर झमके सुन झमके
झांझर झमके सुन झमके हो
आधी रात को हो हो
उसको टोको ना रोको रोको
ना टोको टोको ना रोको आधी रात को
लाज लागे रे लागे आधी रात को
लाज लागे रे लागे आधी रात को हाय
देना सिंदूर क्यों सोऊँ आधी रात को
बेला महका रे महका आधी रात को
हा मन क्यों बहका रे आधी रात को
बेला महका रे महका आधी रात को
बात कहते बने क्या आधी रात को
आँख खोलेगी बात आधी रात को
हमने पी चाँदनी आधी रात को
हमने पी चाँदनी आधी रात को हाय
चाँद आँखों में आया आधी रात को
बेला महका रे महका आधी रात को
मन क्यों बहका रे बहका
मन क्यों बहका रे बहका
मन क्यों बहका रे बहका
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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