Agar Tum Na Hote
प्राजक्ता शुक्रे
हमें और जीने की चाहत न होती
हमें और जीने की चाहत न होती
अगर तुम न होते अगर तुम न होते
हमें और जीने की चाहत न होती
अगर तुम न होते अगर तुम न होते
तुम्हें क्या बताऊं के तुम मेरे क्या हो
मेरी ज़िंदगी का तुम ही आसरा हो
तुम्हें क्या बताऊं के तुम मेरे क्या हो
मेरी ज़िंदगी का तुम ही आसरा हो
मैं आशा की लड़ियां न रह रह पिरोती
अगर तुम न होते अगर तुम न होते
हमें और जीने की चाहत न होती
अगर तुम न होते अगर तुम न होते
तुम्हें देखके तो लगता है ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे
तुम्हें देखके तो लगता है ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे
दिखाई न देती अंधेरों में ज्योती
अगर तुम न होते अगर तुम न होते
हमें और जीने की चाहत न होती
अगर तुम न होते अगर तुम न होते
Written by: GULSHAN BAWRA, RAHUL DEV BURMANLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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