Manzoor Dil
पवनदीप राजन, Arunita Kanjilal
प्यार जितना भी था मेरे पास में
वो नाम तेरे यह दिल कर गया
इश्क़ लाए जो तुम मेरे वास्ते
तो सीधा सजदे में दिल गिर गया
कल तक मेरी ज़िंदगी बिन तेरे नाराज़ थी
हुई है राज़ी आके तेरे रूबरू
खुदा से तुझे माँगे
दुआ में मजबूर दिल
हुआ है तुझे पाके
जाहान में मशहूर दिल
ना रहसका है तुझसे
एक पल अब डोर दिल
किया है तूने जबसे मेरा
मंज़ूर दिल मंज़ूर दिल
क़िस्मत मिलने हुमको
खुद छलके आई है तो
फिर किस लिए हैं दूरियाँ
मिलके लकीरें सारी कहती हैं बरी बरी
इश्क़ करें हम बेपँहा
मिलूँगा मैं ज़माने को भूलके
तुझे सीने से लगाके
यही बोले मेरा जुनून
जो मुझे दुनियाँ से
निकले करे तेरे हवाले
राह बस वो चुनु
हर धूप की तू चाओं रे
खुदा से तुझे माँगे
दुआ में मजबूर दिल
हुआ है तुझे पाके
ज़ाहा में मशहूर दिल
ना रह सका है तुझसे
एक पल अब डोर दिल
किया है तूने जबसे मेरा
मंज़ूर दिल मंज़ूर दिल
खोलूं ना मैं जो आँखें
बाहों में तेरी आके
तो क्या करोगे हुंसफर
वो दिन ना आने देंगे
तुझको ना जाने देंगे
इश्क़ अधूरा छोड़ कर
कभी जो मेरे बिन तूने यारा
कोई लम्हा गुज़ारा बेमौत मरजौंगी
मिले जो मुझे तेरा इशारा तो जान भी
यारा तेरे नाम कर जवँगी
सब बाद तेरे सांवरे
खुदा से तुझे माँगे
दुआ में मजबूर दिल
हुआ है तुझे पाके
जाहान में मशहूर दिल
ना रहसका है तुझसे
एक पल अब डोर दिल
किया है तूने जबसे मेरा
मंज़ूर दिल मंज़ूर दिल
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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