Fursat
पवनदीप राजन, Arunita Kanjilal
तन्हा गुज़रता दिल का सफर
मिलते नहीं जो तुम हमसे
इश्क़ ने मांगी पहली दुआ तो
मुझको मिले तुम रब के करम से
नज़रों को आये जबसे नज़र तुम
रहने लगे तुझमे गुम से
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
तुम्हे देखु बस जी भरके
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
तुमसे मिलने से कुछ पहले
खुशबू तुम्हारी आती है
दिल में उतरके रूह से गुज़रे
धड़कन तक छू जाती है
प्यार मेरा पहचान ले पागल
दिल की मेरी धड़कन सुन के
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे रखलो छुपाकर के
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
दुनिया रूठे लेकिन अपना
साथ कभी ना छूटेगा
ख्वाब तुम्हारे नींद हमारी
ये रिश्ता ना टूटेगा
मैं सो जाऊं फिर भी जागे
दिल तुम्हारे सपने बुन के
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
तुम्हे रखलूं मैं छुपा करके
तुम्हे रखलूं मैं छुपा करके
मुझे फुरसत ही नहीं तुमसे
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now