More Man Ki Nagariya
Leela Chitnis, पारूल घोष
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
माधो जी माधो जी
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
झोले खाती थी जीवन की नैया
झोले खाती थी जीवन की नैया
बने मॅन के बसैया खिवैया
बने मॅन के बसैया खिवैया
डगमगाती किनारे लगाई रे
डगमगाती किनारे लगाई रे
माधो जी माधो जी
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
माधो माधो जगत पुकारे
माधो माधो जगत पुकारे
मैं काहु रे मेरा कला
मैं काहु रे मेरा कला
मैं काहु रे मेरा कला
मैं काहु रे मेरा कला
जब जब पीड़ बने भागातो पे
जब जब पीड़ बने भागातो पे
पहुँचे बांसरीवाला
माधो जी माधो जी
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
मोरे मॅन की नगरिया बसाई रे
माधो जी माधो जी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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