Suraj Ki Har Kiran

Pankaj Udhas

सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूं सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूं दोजख को चाहता हूँ की जन्नत पे वार दूं सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूं दोजख को चाहता हूँ की जन्नत पे वार दूं इतनी सी है तसल्ली की होगा मुक़ाबीला इतनी सी है तसल्ली की होगा मुक़ाबीला दिल क्या है जान भी अपनी क़यामत पे वार दूं दोजख को चाहता हूँ की जन्नत पे वार दूं सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूं एक ख्वाब था जो देख लिया नींद में कभी एक ख्वाब था जो देख लिया नींद में कभी एक नींद है जो तेरी मोहब्बत पे वार दूं दोजख को चाहता हूँ की जन्नत पे वार दूं सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूं आदम हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे आदम हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे आदम हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे आदम हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे फिर क्यों ना ज़िंदगानी को तुरबत पे वार दूं दोजख को चाहता हूँ की जन्नत पे वार दूं सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूं दोजख को चाहता हूँ की जन्नत पे वार दूं

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