Maa

Pankaj Udhas

बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा याद आती है चौका-बासन चिंता फूकनी जैसी मा बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा बान की खुर्री खाट के उपर हर आहत पे कान धरे बान की खुर्री खाट के उपर हर आहत पे कान धरे बान की खुर्री खाट के उपर हर आहत पे कान धरे आधी सोई, आधी जागी ताकि दोपहरी जैसी मा आधी सोई, आधी जागी ताकि दोपहरी जैसी मा बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा चिड़ियो के चहकार में गूँजे कभी मोहम्मद कभी अली चिड़ियो के चहकार में गूँजे कभी मोहम्मद कभी अली चिड़ियो के चहकार में गूँजे कभी मोहम्मद कभी अली मुर्गे की आवाज़ से खुलती घर की कुण्डी जैसी मा मुर्गे की आवाज़ से खुलती घर की कुण्डी जैसी मा बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा बीवी बेटी बेहन पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में बीवी बेटी बेहन पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में बीवी बेटी बेहन पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में दिन भर एक रस्सी के उपर चलती नटनि जैसी मा दिन भर एक रस्सी के उपर चलती नटनि जैसी मा बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा बाँट के अपना चेहरा माता आँखें जाने कहाँ गयी बाँट के अपना चेहरा माता आँखें जाने कहाँ गयी बाँट के अपना चेहरा माता आँखें जाने कहाँ गयी फटे पुराने एक आलबूम में चंचल लड़की जैसी मा फटे पुराने एक आलबूम में चंचल लड़की जैसी मा याद आती है चौका-बासन चिंता फूकनी जैसी मा बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मा

Written by: NIDA FAZLI, PANKAJ UDHASLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store