Kaise Raat Kati
Pankaj Udhas
कैसे रात कटी कैसे दिन बीता
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कैसे रात कटी कैसे दिन बीता
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कितना लाहूं आँखों से टपका
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कैसे रात कटी कैसे दिन बीता
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
किसने किसके खाब झलाए
किसने किसको झखम लगाए
किसने किसके खाब झलाए
किसने किसको झखम लगाए
किसने किसका दामन छ्चोड़ा
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कितना लाहूं आँखों से टपका
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कैसे रात कटी कैसे दिन बीता
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
लंबी राहें घोर अंधेरा
एक सा दर्द तुम्हारा मेरा
लंबी राहें घोर अंधेरा
एक सा दर्द तुम्हारा मेरा
मैं भी तन्हा तुम भी तन्हा
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कितना लाहूं आँखों से टपका
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कैसे रात कटी कैसे दिन बीता
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कलियाँ चितकी खूदबू बिखरी
देखो आँगन में धूप उतरी
कलियाँ चितकी खूदबू बिखरी
देखो आँगन में धूप उतरी
बीते मौसम का सारा किस्सा
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कितना लाहूं आँखों से टपका
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
कैसे रात कटी कैसे दिन बीता
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
मैं भी भुला डून तुम भी भुला दो
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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