Ab Maloom Hua

Pankaj Udhas

हम यूँ डूबे जैसे पत्थर हम यूँ डूबे जैसे पत्थर अब मालूम हुआ उसकीआँखों में है समंदर अब मालूम हुआ हम यूँ डूबे जैसे पत्थर बारिश के दर से दरवाजे बाँध किए बैठी थी बारिश के दर से दरवाजे बाँध किए बैठी थी धूप थी दीवारो के बहार अब मालूम हुआ उसकी आँखों में हैं समंदर अब मालूम हुआ हम यूँ डूबे जैसे पत्थर जब हम गुज़रे उस खिड़कीमैं एक किरण सी चंकी थी जब हम गुज़रे उस खिड़कीमैं एक किरण सी चंकी थी उसने हमे देखा था चुप कर अब मालूम हुआ उसकी आँखों में है समंदर अब मालूम हुआ हम यूँ डूबे जैसे पत्थर ज़ख़्म बताते हैं रशीद हर जीत हमारी धोखा थी ज़ख़्म बताते हैं रशीद हर जीत हमारी धोखा थी यह बाज़ी हम हारे अक्सर अब मालूम हुआ उसकीआँखों में हैं समंदर अब मालूम हुआ हम यूँ डूबे जैसे पत्थर अब मालूम हुआ उसकीआँखों में है समंदर अब मालूम हुआ हम यूँ डूबे जैसे पत्थर

Written by: MUMTAZ RASHID, PANKAJ UDHASLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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