Mujhse Kaha Naa Gaya
पलाश सेन
बस बाज्ना चाहिये गाना
आना
रात अकेली थे अकेले मैं भी
तुम भी बेख़बर थे बेज़ुबान थे मैं भी तुम भी
आँख में हम नज़र थे फिर भी यूँ
कह ना पाया मैं क्यूँ सूनी थी वो रात तुमसे रहा ना गया
कहनी थी बातें कई पर मुझसे कहा ना गया मुझसे कहा ना गया
हं हं रात भरके हुंसफर थे मैं भी तुम भी
आसमान से बातें करते मैं भी तुम भी
चाँद तारे थे हमारे फिर भी यूँ कह ना पाया मैं क्यूँ सूनी थी वो रात
तुमसे रहा ना गया
कहनी थी बातें काई पर मुझसे कहा ना गया
मुझसे कहा ना गया मुझसे कहा ना गया होव ना गया ना गया
तुमसे तुम्ही को माँग लून पर कह ना पाया मैं क्यूँ हं हं हं हं
मुझसे कहा ना गया आ आ आ
छोटीसी वो बात तुमसे कहा ना गया
गुज़री थी रातें कई पर मुझसे कहा ना गया
उमर भर का साथ तुमसे सहा ना गया
रोया मैं आँसू कई पर मुझसे कहा ना गया
हां मुझसे कहा ना गया हो मुझसे कहा ना गया
मुझसे कहा ना गया
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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