ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
नादान सी ख्वाहिशें
सड़कें अंजान है
बेफ़िक़रे शब और शाम है
रेतके क़िले है
रहते हम शान से
सब भूल के
जीते है आज में
बहती दरिया जैसे मैं
साहिल आवारा
गिरें उठें
उड़ें पंछी से
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
बचकनी शैतानियाँ
मंज़िल है बेईमान
लम्हो के नखरे सारे आ
मुफ़लिसी जेबें है
हम दिलके सुल्तान
यारों की यारी दिलोजान
बहती कश्ती जैसे मैं
साहिल बेपरवाह
गिरें उठें
उड़ें पंछी से
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
ऊट पतंगी
हस्ती मेरी मलंगी
तितली जैसे फिरू मनमर्ज़ी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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