Kise Yaad Rakhoon

Mukesh

कोई दिल में है और कोई है नजर में मोहब्बत के सपने है मैं किसके उठाऊ किसी कशमकश में जिए जा रहा हु किसे याद रखूँ किसे भूल जाऊं किसे याद रखूँ किसे भूल जाऊं उधर दिल मोहब्बत में उनको दिया है इधर फ़र्ज़ का बोझ सर पे लिया है सारी जिंदगी तूने ये क्या किया है किसे याद रखूँ किसे भूल जाऊं न बस में है मेरे उन्हें भूल जाना न बस में है इनको नजर से गिराना मेरी बेबसी का बस इतना फ़साना किसे याद रखूँ किसे भूल जाऊं किसे याद रखूँ किसे भूल जाऊं

Written by: KAIF IRFANI, MUKESHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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