Ek Ek Ginwata Hoon

Mukesh

कितने किस्म की बेईमानी कितने किस्म के बेईमान एक एक गिनवाता हू ज़रा सुनना देकर ध्यान ना इज़्ज़त की चिंता ना फिकर कोई अपमान की जय बोलो बेईमान की जय बोलो जय बोलो बेईमान की जय बोलो ना इज़्ज़त की चिंता ना फिकर कोई अपमान की जय बोलो बेईमान की जय बोलो जय बोलो बेईमान की जय बोलो बात के झूठे नज़र के खोटे दिल के बड़े कठोर बड़ा हैरान हुआ जब देखा बैठे चारो ओर मुझे देख इस महफ़िल मे इसलिए मचाए शोर के बड़े बड़े चोरो मे आ गया कहा से छोटा चोर जो कहना हैं वो कह दू परवाह नही इस अपमान की जय बोलो बेईमान की जय बोलो जय बोलो बेईमान की जय बोलो इस दुनिया मे देखे हैं कुछ ऐसे भी इंसान खुद को देवता समझे और दूजे को बेईमान आज फोड़ दू सबके भांडे टूट जाए अभिमान अपने अपने दिल से पूछो कौन हैं बेईमान सूरज सी दिशा दी हैं पर सीरत हैं शैतान की जय बोलो बेईमान की जय बोलो जय बोलो बेईमान की जय बोलो बड़ी बेईमानी करते कुछ बड़े घरो के जाए बड़े नाम की चादर से चेहरे को रहे छुपाये औरो पे वो दोष लगाकर अपने पाप छुपाये उसको मान मिले जग मे जो बेईमान बन जाए माँ बाप को खबर नही हैं अरे ऐसी नेक संतान की जय बोलो बेईमान की जय बोलो जय बोलो बेईमान की जय बोलो अरे ना इज़्ज़त की चिंता ना फिकर कोई अपमान की जय बोलो बेईमान की जय बोलो जय बोलो बेईमान की जय बोलो

Written by: JAIKSHAN SHANKAR, VARMA MALIKLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store