Apni Bhi Kya Zindagi Hai

Mukesh

राह के तालिब है पर बेराह पड़ते है क़दम देखिए क्या ढूंढते है और क्या पाते है हम अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली रागिन वो ज़माना था सपना वो क्या सुहाना था तब सुबह ओ शाम खुशियो के जाम हर साँस एक तराना था रागिन वो ज़माना था सपना वो क्या सुहाना था तब सुबह ओ शाम खुशियो के जाम हर साँस एक तराना था अब तो बस हर घड़ी दुख भरी बेबसी आस की हर किरण अश्क़ बन बह गई अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली क्या नींद किसको सोना है अब सारी रात रोना है दुखड़े बिच्छा के सब कुच्छ भूल के बस एक बार सोना है क्या निद किसको सोना है अब सारी रात रोना है दुखड़े बिच्छा के सब कुच्छ भूल के बस एक बार सोना है ज़िंदगी ज़िंदगी ओ मेरी लाडली आ गले मिल है शायद ये रात आखरी अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली अपनी भी क्या ज़िंदगी है निराली जहाँ गये ठुकराए गये जैसे बोतल खाली

Written by: SHAILENDRA, Shankar-JaikishanLyrics © O/B/O CAPASSOLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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