Kahin Karti Hogi

Mukesh, Lata Mangeshkar

कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार जिसकी तमन्ना में फिरता हूँ बेक़रार कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार जिसकी तमन्ना में फिरता हूँ बेक़रार दूर ज़ुल्फ़ों कि छाओं से कहता हूँ मैं हवाओं से उसी बुत कि अदाओं के अफ़साने हज़ार वो जो बाहों में मचल जाती हसरत ही निकल जाती मेरी दुनिया बदल जाती मिल जाता क़रार कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार जिसकी तमन्ना में फिरता हूँ बेक़रार आ आ आ आ है अरमान है कोई पास आये इन हाथों में वो हाथ आये फिर ख़्वाबों की घटा छाये बरसाये खुमार फिर उन्हीं बीती दिन रातों पे मतवाली मुलक़ातों पे उल्फ़त भरी बातों पे हम होते निसार कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार (ला ला ला आ आ आ) जिसकी तमन्ना में फिरता हूँ बेक़रार जिसकी तमन्ना में फिरता हूँ बेक़रार

Written by: MAJROOH SULTANPURI, R D BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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