Tumhari Aarzoo

Mohit Chauhan

तुम्हारी आरज़ू के साये में दर्द पलता है ये कैसा प्यार है आँखें नम हैं क्यूँ दिल जलता है तुम्हारी आरज़ू के साये में दर्द पलता है ये कैसा प्यार है आँखें नम हैं क्यूँ दिल जलता है ख्वाहिशें हैं या है जूनून दिल को कुछ भी समझ आये ना तुम्हारी आरज़ू के साये में दर्द पलता है चाहा तुझे सोचा तुझे दिल में बसाया तुझे जज़्बात की हर साख पर खुसबू से लिखा तुझे ओ बेखबर तूने मगर अपना ना समझा मुझे दिलबर तेरी ये बेख़ुदी जान कहीं मेरी ले जाए ना तुम्हारी आरज़ू के साये में दर्द पलता है ये कैसा प्यार है आँखें नम हैं क्यूँ दिल जलता है

Written by: BASANT CHAUDHARY, SHANKAR, SHUSHANTLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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