Zindagi Zindagi

Mukesh, Asha Bhosle, Mohammed Rafi

होये होये होये होये होये धूप ओ बल्ले धूप ओ बल्ले हद्दीपा हद्दीपा हद्दीपा इंसानो से क्यू झुकते हो तुम बी इंसान हो हारे बारे ये खेत है मंदिर जिनके तुम बागवान हो ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी छोटी हो या लंबी हो हो छोटी हो या लंबी हो क्यू बीते तकरार मे क्यू ना गुज़रे प्यार मे ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी मान की खाड़की खोल के रखो जाने प्यार का जोखा कब आ जाए नफ़रत के सब डीप भुजाकार प्रीत के फूल खिला जाए ज़िंदगी ज़िंदगी क्यू दारिय,प्यार करिए सोने के अंगार लगे है धरती पर हो धरती पर,हा धरती पर ख़ुसीयो के बाज़ार सजे है धरती पर हो धरती पर,हा धरती पर मेहनत की तक़दीर है धने धने मे और इंसान की तक़दीर है धने धने मे धरती दे और बेटे खाए फिर भी मा के घुन ना गाए हवानो को कह दो आकर इंसानो को ये संजाये ज़िंदगी ज़िंदगी क्यू ना सब मिल झूल कर बैठे इक पेध की छाया मे इक पेध की छाया मे इक पेध की छाया मे इक बराबर हिस्सा बाते इक दूजे की माया मे इक दूजे की माया मे इक दूजे की माया मे हस्ते हस्ते करले प्यारे गम और ख़ुसीयो के बटवारे प्रीत तेरी सलाह दे दी सबनम बन जाए अँगारे ओ दिल ही गंगा,दिल ही जमुना दिल है मथुरा,दिल ही काशी दिल हो सॉफ तो हर हर दिन होली हर रात है पूरण मासी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी जीनदगी छोटी हो या लंबी हो हो छोटी हो या लंबी हो क्यू बीते तकरार मे क्यू ना गुज़रे प्यार मे ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी

Written by: Madan Mohan, Rajinder KrishnanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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