Saj Rahi Gali Meri Maa

Eunuchs, महमूद, Mohammed Rafi

चुनरी गोटे मैं रुपाली गोटे सज रही हैं ह सज राही सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी अम्मा चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी अम्मा चुनरी गोटे में चुनरी गोते मैं रुपाली गोटे चुनरी गोते मैं रुपाली गोटे चुनरी गोते मैं रुपाली गोटे चुनरी गोते मैं रुपाली गोटे सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में अम्मा तेरे मुन्ने की गजब है बात अम्मा तेरे मुन्ने की गजब है बात अम्मा तेरे मुन्ने की अम्मा तेरे मुन्ने की गजब है बात ओय चंदा जैसा मुखड़ा किरण जैसे हाथ चंदा जैसा मुखड़ा किरण जैसे हाथ चंदा जैसा मुखड़ा किरण जैसे हाथ सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में तू मां का बच्चा हां जी, ना बाप ना जच्छा हां जी बिन खेत का बंदा हा जी, बिन मुर्गी अंडा हा जी बिन पहिए गाड़ी हा जी, बिन औरत सादी हा जी बिन आम की गुठली हा जी, बिन आम की गुठली हा जी है आम से हमको मतलब गुठली से क्या लेना है आम से हमको मतलब गुठली से क्या लेना मिल जाए हक अपना गुथली से क्या लेना मिल जाए हक अपना गुथली से क्या लेना साज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में साज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में माई मंदिर पाहुचा हा जी, एक बच्चा देखा है जी ना कोई आगे हा जी, ना कोई पीछे हा जी माई तरस में आके हा जी, ले चला उठा के हा जी कि मां को दे दू जी, मंदिर में रख दू हा जी पंडित ने देखा हा जी, वो ज़ालिम समझा हा जी ये पाप है मेरा है जी, बस मुझको घर है जी फिर पोलिस आई हा जी, कि लाख दुहाई हा जी वो एक न माना हा जी, पड़ गया ले जाना हा जी सोचा ले जाकर हा जी यूज रख दू बाहर हां जी बड़ा जतन लगाया हा जी, कोई काम न आया है जी सदको पर देखा हा जी, गाड़ी में फेका हा जी बन गया ये बंदा हा जी, इस गले का फंदा है जी मैं फिर भी ताला हा जी, कचरे में डाला हा जी फिर बारिश आई है जी, अंधियारी चायी है जी बिजली जब कड़ाकी हा जी, मेरी छती धड़की हा जी एक तिर सा लागा है जी, मैं वापस भागा जी फिर बच्चे को उठाया गले से यू लगाया फिर बच्चे को उठाया गले से यू लगाया आगे क्या बोलू यारा मैं पापी दिल पे हारा आगे क्या बोलू यारा मैं पापी दिल पे हारा बेटा तेरे किस पे दिल मेरा रोये जिए तेरा मुन्ना होए होए होए जिए तेरा मुन्ना होए होए होए सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में सज रही गली मेरी मां चुनरी गोटे में

Written by: MAJROOH SULTANPURI, NAGRATH RAJESH ROSHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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