Kaise Mujhe Tum

मोहम्मद इरफान

कैसे मुझे तुम मिल गयी किस्मत पे आये ना यकीं उतर आई झील में जैसे चाँद उतरता है कभी हौले हौले धीरे से गुनगुनी धूप की तरह से तरन्नुम में तुम छू के मुझे गुज़री हो यूँ देखूँ तुम्हें या मैं सुनूँ तुम हो सुकून तुम हो जुनून क्यों पहले ना आई तुम कैसे मुझे तुम मिल गयी किस्मत पे आये ना यकीं बदले रास्ते झरने और नदी बदली दीप की टिमटिम छेड़े ज़िंदगी धुन कोई नयी बदली बरखा की रिमझिम बदलेंगी ऋतुएँ अदा पर मैं रहूँगा सदा उसी तरह तेरी बाहों में बाहें डाल के हर लम्हा हर पल कैसे मुझे तुम मिल गयी किस्मत पे आये ना यकीं

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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