Tera Gham Agar Na Hota

मोहम्म्मद अज़ीज़

तेरा ग़म अगर न होता तेरा ग़म अगर न होता तो शराब में न पीता तेरा ग़म अगर न होता तो शराब में न पीता ये सितम अगर न होता ये सितम अगर न होता तो शराब में न पीता तेरा ग़म अगर न होता तो शराब में न पीता हरजाये में नहीं हो ना वो हे बेवफा हरजाये में नहीं हो ना वो हे बेवफा बस वक़्त ने किया है मुझसे जरा दगा चाहा था मेने उसको ये है मेरी खता ये करम अगर न होता ये करम अगर न होता तो शराब मे ना पिता तेरा ग़म अगर न होता तो शराब में न पीता सारे जहाँ से मेरा इतना सवाल है सारे जहाँ से मेरा इतना सवाल है चाहत का क्यूँ हमेशा ऐसा ही हाल है कभी याद वो करेगी मेरा खयाल है ये भरम अगर न होता ये भरम अगर न होता तो शराब में न पीता तेरा ग़म अगर न होता तो शराब में न पीता ये सितम अगर न होता तो शराब में न पीता तेरा ग़म अगर न होता तो शराब में न पीता तो शराब में न पीता तो शराब में न पीता

Written by: LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA, RANI MALLIKLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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