Barse Re Sawan
मोहम्म्मद अज़ीज़, साधना सरगम
आ आ आ आ आ
बरसे रे सावन कापे मेरा मन
भीग जाए ना बदन मेरा
अपनी छतरी में
मुझको छिपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे
जादू चला मत नज़दीक आ मत
तू रूप की कोई राणी रे
रास्ता न मेरा तू भूला दे रे
होश मेरे न उड़ा दे रे
बरसे रे सावन कापे मेरा मन
भीग जाए ना बदन मेरा
अपनी छतरी में
मुझको छिपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे
आह आह आह आह
न तो यहाँ किसी पेड़ की छाया
ना पास कोई मकान है
मौक़े पे लड़की का जो
साथ दे दे तू ही एक ऐसा जवा है
ऐसा जवा है रे बाक़ा जवा है रे
न तो यहाँ किसी पेड़ की छाया
ना पास कोई मकान है
मौक़े पे लड़की का जो
साथ दे दे तू ही एक ऐसा जवा है
ऐसा जवा है रे बाक़ा जवा है रे
मिलके तू ही मेरा दिल लुटेगी
क्यों तू नज़र दिल पे डाले रे
बरसे रे सावन कापे मेरा मन
भीग जाए ना बदन मेरा
अपनी छतरी में
मुझको छिपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आँखों ने मेरी की तुझसे
विनती प्यार से दिल ने पुकारा
एहसान मानूगी सारी उम्र
तेरा दे दे तू थोड़ा सहारा
दे दे सहारा तू थोड़ा सहारा तू
आँखों ने मेरी की तुझसे विनती
प्यार से दिल ने पुकारा
एहसान मानूगी सारी उम्र
तेरा दे दे तू थोड़ा सहारा
दे दे सहारा तू थोड़ा सहारा तू
चल फिर साथ चले
दोनों इक शहर के रहने वाले रे
बरसे रे सावन कापे मेरा मन
भीग जाए ना बदन मेरा
अपनी छतरी में
मुझको छिपा ले रे
पास अपने तू मुझको बुला ले रे
जादू चला मत नज़दीक आ मत
तू रूप की कोई राणी रे
रास्ता न मेरा तू भूला दे रे
होश मेरे न उड़ा दे रे
Written by: NAGRATH RAJESH ROSHAN, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVARLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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