Man Bhavan Sangeet Suhavan
मन्ना डे
ओम मन भावन संगीत सुहावन
मन भावन संगीत सुहावन
मधुर मधुर मधु बिन बजावन
सा मा मा मा ध
ग प ध रे सा नि ध पा मा ग रे सा सा
मन भावन संगीत सुहावन
आदि ब्रम्हा ले सुर उपजाये
हा हा हा हा
आदि ब्रम्हा ले सुर उपजाये
साटे सूडान के हाथ सज़ाए
महा गुणी नारद ने अपनी
वीना पर जिसके गुण गाये
मन भावन संगीत सुहावन
सरस्वती की तां सुरीली
सुनकर धरती डोल उठे
आ आ आ आ आ आ
सरस्वती की तां सुरीली
सुनकर धरती डोल उठे
जन जन की संगीत सुधा से
दशॊ दिशाये बोल उठे
सा प माँ ग नि रे सा रे ग रे सा
नि रे सा सा नि सा
जल तल डोले अंबर डोले
धरा का कन कन बोल उठे
महादेव का महाराग़ सुन
शेषनाग भी बोल उठे
धागीड तीड धी ताकीद तीड धी तता तना ता
ना तुन ना गण तुन धातून धातून तुना
तागा तुन धातून धातून तान धा
तागा तुन धातून धातून तान धा
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
मन भावन संगीत सुहावन
मन भावन संगीत सुहावन
Written by: Bharat Vyas, S N tripathiLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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