Jaga Rahe Ghanghor Nagade

मन्ना डे

जगा रहे घनघोर नगाड़े बुला रही है रणभेरी ई शायद जननी पर संकट है करो नहीं पल भर देरी धधकते जलते अंगारों ओ आज़ादी के रखवारो धधकते जलते अंगारों ओ आज़ादी के रखवारो जवानी माँ पर वारो रे जवानी माँ पे वारो रे उबलता लोहू आज़मा लो मचलता लोहा आज़मा लो उठो दुश्मन को मारो रे जवानी माँ पे वारो रे धधकते जलते अंगारों ओ शस्य श्यामला माँ ने तुमको पाला पोसा है सिर्फ तुम्हारे ही बाजू का उसे भरोसा है माँ की कोख उजागर कर दो अवसर आया है साबित कर दो उसने तुमको दूध पिलाया है दूध पिलाया है वतन से कितना लेते हो वतन को कितना देते हो ज़रा तो क़र्ज़ उतारो रे जवानी माँ पे वारो रे धधकते जलते अंगारों ओ आज़ादी के रखवारो जवानी माँ पर वारो रे जवानी माँ पे वारो रे धधकते जलते अंगारों जय कुलदेवी विन्ध्य वासिनी जय हो रन ज्वाला आ जय जय हो बुन्देल भवानी चंडी विकराला आ बुदेले की प्रबल खड्ग ने उठा दिया तूफ़ान अरि मुंडों से पल भर में ही पाट दिया मैदान पाट दिया मैदान रूद्र का सिंहासन डोला गरज कर नाहर जब बोला खून में खड्ग संवारों रे जवानी माँ पे वारो रे धधकते जलते अंगारों ओ आज़ादी के रखवारो जवानी माँ पर वारो रे जवानी माँ पे वारो रे धधकते जलते अंगारों ओ

Written by: Balkavi Bairagi, S N tripathiLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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