Dhal Gaya Chand

Manhar Udhas

ढाल गया चाँद गयी रात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए ढाल गया चाँद अब कहाँ घूंज फ़िज़ा में किसी सहनाई की अब कहाँ घूंज फ़िज़ा में किसी सहनाई की लूट गयी आश् की बारात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए ढाल गया चाँद लोग इकरारे वफ़ा करके भुला देते हैं लोग इकरारे वफ़ा करके भुला देते हैं ये नहीं कोई नयी बात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए ढाल गया चाँद जागने से भी कहीं रुकते हैं बहते आँसू जागने से भी कहीं रुकते हैं बहते आँसू उमरा भर होगी ये बरसात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए ढाल गया चाँद गयी रात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए ढाल गया चाँद

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