Tumhe Dillagi
मनन भारद्वाज
ज़ख़्म पे ज़ख़्म ख़ाके जी
अपने लहू के घूँट पी
ज़ख़्म पे ज़ख़्म ख़ाके जी
अपने लहू के घूँट पी
ज़ख़्म पे ज़ख़्म पे ज़ख़्म ख़ाके जी
अपने लहू के घूँट पी
ज़ख़्म पे ज़ख़्म ख़ाके जी
अपने लहू के घूँट पी
आना कर लाभों को सी ये इश्क़ है दिल्लगी नहीं
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहोब्बत की राहों में आकर तो देखो
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहोब्बत की राहों में आकर तो देखो
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हासोगे
तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हासोगे
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहोब्बत की राहों में आकर तो देखो
खुदा के लिए अब तो छोड दो ये परदा
खुदा के लिए अब तो छोड दो ये परदा
सोचो हमारी क्या हालत होगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कहते नहीं हम ये के तुम इश्क़ कर लो
कहते नहीं हम ये के तुम इश्क़ कर लो
तुम सिर्फ़ बस ये बता दो कैसे ज़मानत होगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहोब्बत की राहों में आकर तो देखो
अकेले नही हैं जो तुमपे मिटे है
हम अकेले नही हैं जो तुमपे मिटे है
शहरों मोहोल्लों की यही हालत होगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
मोहोब्बत की राहों में आकर तो देखो
खुदा के लिए अब तो छोड दो ये परदा
खुदा के लिए अब तो छोड दो ये परदा
सोचो हमारी क्या हालत होगी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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