Yehi Dharti Yehi Dharti
Mahendra Kapoor
आए किसानो यह धरती
तुम्हारी है मा
ज़िंदगी में कोई मा से
प्यारा नही
मेरी आवाज़ सुनलो
मेरे साथियो
फिर ना कहेना के
तुमको पुकारा नही
आओ मेरे साथियो
आओ रे साथी
आओ रे साथी
आओ रे साथी
आओ रे साथी
आओ रे बंधु
आओ रे बंधु
आओ रे बंधु
वो कों है जो मा की तरह
नाज़ उठाए
पॅल्को पे बिताए
दे दे के अपना लहू
फस्लो को उगाए
खेतो को हासाए
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
वो कों है जो मा की तरह
नाज़ उठाए
पॅल्को पे बिताए
दे दे के अपना लहू
फस्लो को उगाए
खेतो को हासाए
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
इतना बड़ा संसार कहो
खाए कहाँ से
जीने के यह सामान
भला आए कहाँ से
जीने के यह सामान
भला आए कहाँ से
इंसान यह मोटी ये हीरे
ये ज़वहार पाए है
मेहनत से मगर
आए कहाँ से
मेहनत से मगर
आए कहाँ से
वो कों है जो खुश
हो के धन अपना लूटए
कुछ भी ना च्छुपाए
यह ही धरती
यह ही धरती
वो कों है जो मा की तरह
नाज़ उठाए
पॅल्को पे बिताए
यह ही धरती
यह ही धरती
गर्मी हो या सर्दी
कभी होती नही बेकल
छुउप छाप सहा करती है
बरसात का जल तल
छुउप छाप सहा करती है
बरसात का जल तल
खुद मिट के इसे आता है
औरो को बनाना
कुछ भी ना कहे च्चती
पे दिन रात चले हाल
कुछ भी ना कहे च्चती
पे दिन रात चले हाल
भूका तो उतहये
कभी भूका ना सुलाए
पापो से बचाए
यह ही धरती
यह ही धरती
वो कों है जो मा की तरह
नाज़ उठाए
पॅल्को पे बिताए
यह ही धरती
यह ही धरती
धरती की इसी धूल में
है जीवन सभी का
देती है ये पैगाम
ज़माने को ख़ुसी का
देती है ये पैगाम
ज़माने को ख़ुसी का
चंदन को जो सरमाये
यह ही तो है वो माटी
इस माटी से माथे पे
लगते चलो टीका
इस माटी से माथे पे
लगते चलो टीका
वो क्म है आकाश जो चूमने आए
सीने से लगाए
यह ही धरती
यह ही धरती
वो कों है जो मा की तरह
नाज़ उठाए
पॅल्को पे बिताए
दे दे के अपना लहू
फस्लो को उगाए
खेतो को हासाए
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
यह ही धरती
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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