Jab Charon Taraf Andhera Ho

Mahendra Kapoor, R.D. Burman, Asha Bhosle

हरी ओम हरी ओम हरी ओम जब चारों तरफ अँधेरा हो जीवन को मृत्यु ने घेरा हो जब चारों तरफ अँधेरा हो जीवन को मृत्यु ने घेरा हो तब मन में रख विश्वास श्वास में अश नहीं एक भर प्राथना कर प्राथना कर जगत के जीवन दाता से प्राथना कर प्राथना कर हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम करम धरम न जणू न मुझे पाप पुण्य का भान करम धरम न जणू न मुझे पाप पुण्य का भान कैसे करू भी प्राथना तेरी इसका भी नहीं ज्ञान में बेबस दुखियारी हु बस आयी तेरे घर प्राथना कर प्राथना कर जगत के जीवन दाता से प्राथना कर प्राथना कर हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम मेरा जीवन साथी मिलके मुझसे हो जाये न दूर कही चिता की राख न बन जाये मेरी माँग का यह सिन्दूर मन में शहनाई गूंज रही अखियाँ सुगंध से कर प्राथना कर प्राथना कर जगत के जीवन दाता से प्राथना कर प्राथना कर हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम हरी ओम

Written by: Bharat Vyas, R D BurmanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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