Unse Nazren Milin

Minoo Purushottam, Lata Mangeshkar

उनसे नज़रें मिली और हिजाब आ गया उनसे नज़रें मिली और हिजाब आ गया ज़िन्दगी में हसीं इन्किलाब आ गया उनसे नज़रें मिली और हिजाब आ गया आए बेखबर थे उम्र के तक़ाज़ों से हम बेखबर थे उम्र के तक़ाज़ों से हम हमको मालूम न था ऐसे भी दिन आएंगे आईना देखे तो आप अपने से शर्मायेंगे हमको मालूम न था ऐसे भी दिन आएंगे आईना आईना देखे तो हाय हाय आप अपने से शर्मायेंगे बेखबर थे उम्र के तक़ाज़ों से हम आज जाना कि सचमुच शबाब आ गया आज जाना कि सचमुच शबाब आ गया उनसे नज़रें मिली और हिजाब आ गया आँख झुकती है क्यूँ सांस रूकती है क्यों आँख झुकती है क्यूँ सांस रूकती है क्यों इन सवालों का खुद से जवाब आ गया इन सवालों का खुद से जवाब आ गया उनसे नज़रें मिली और हिजाब आ गया दिल के आने को हम किस तरह रोकते दिल के आने को हम किस तरह रोकते जिसपे आना था काना ख़राब आ गया (जिसपे आना था काना ख़राब आ गया) जिसपे आना था काना ख़राब आ गया (जिसपे आना था काना ख़राब आ गया) उनसे नज़रें मिली और हिजाब आ गया ज़िन्दगी में हसीं इन्किलाब आ गया

Written by: Madan Mohan, Sahir LudhianviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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